टाइट फोरस्किन: कारण, इलाज और रिकवरी

लिंग की टाइट फोरस्किन की समस्या बहुत से पुरुषों को उनके जीवन में कभी न कभी परेशान करती है।

मेडिकल भाषा में इस स्थिति को फाइमोसिस भी कहा जाता है।

आमतौर पर यह समस्या वयस्क पुरुषों में होती है और इसका कारण होता है यौवनावस्था के प्रारंभिक वर्षों दौरान फोरस्किन को लिंग के मुठ के पीछे न करना और उसकी साफ-सफाई न का ध्यान न रखना।

हालाँकि, फोरस्किन के लिंग के मुठ से अलग होने की प्रक्रिया 2-7 साल की उम्र के बीच शुरू हो जाती है। लेकिन कुछ मामलों में, यह अलगाव 10 साल की उम्र के आसपास शुरू हो सकता है।

रिपोर्टों के अनुसार, 16-18 आयु वर्ग के लगभग 1% किशोरों में टाइट फोरस्किन की समस्या होती है।

कारण

ऐसे कई कारण हैं जो फोरस्किन को टाइट बनाने में योगदान करते हैं।

हालांकि, डॉक्टरों का सुझाव है कि रोगी की उम्र उनकी समस्या का वास्तविक कारण निर्धारित करती है।

बच्चों और वयस्कों में पूरी तरह से भिन्न कारणों से फोरस्किन में कसाव और दर्द का अनुभव हो सकता है।

फोरस्किन टाइट होने के दो प्रकार होते हैं, जिन्हें फिजियोलॉजिक फाइमोसिस और पैथोलॉजिक फिमोसिस कहा जाता है:

  1. 7 साल से छोटे बच्चों की फोरस्किन प्राकृतिक रूप से टाइट होती है और इसे फिजियोलॉजिक फाइमोसिस कहा जाता है। उम्र बढ़ने के साथ यह अपनेआप ढीली हो जाती है।
  2. पैथोलॉजिक फाइमोसिस किशोर लड़कों और वयस्कों में होने वाली टाइट फोरस्किन को कहा जाता है। इसके कारण होते हैं फोरस्किन की रिंग का प्राकृतिक रूप से छोटा होना, संक्रमण होना, इन्फ्लेमेशन, साफ-सफाई का ठीक से ध्यान न रखना या किसी अन्य बीमारी के कारण फोरस्किन में स्कार टिश्यू बनना।

एक टाइट फोरस्किन संभोग और पुरुष प्रजनन क्षमता में लिए कई समस्याएं पैदा कर सकती है।

अगर आप टाइट फोरस्किन की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आपको जल्द से जल्द इसका इलाज करवाना चाहिए।

हालांकि, समस्या के प्रकार और गंभीरता के आधार पर इसका उपचार हर व्यक्ति में भिन्न-भिन्न हो सकता है।

उपचार

ऐसी कोई दवा मौजूद नहीं हैं जो टाइट फोरस्किन ढीला करने की गारंटी दे सकती हो। हालाँकि कुछ मामलों में कुछ हलकी एक्सरसाइज के जरिये फोरस्किन को ढीला किया जा सकता है।

लेकिन इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए सिर्फ खतना सर्जरी कारगर है।

फोरस्किन हटाने की शल्य प्रक्रिया को खतना सर्जरी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में सर्जन लिंग के मुठ को ढकने वाली चमड़ी को पूरी तरह से हटा देता है।

मुस्लिम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में नवजात लड़कों में खतना को एक सामान्य धार्मिक प्रथा माना जाता है। लेकिन हिन्दुओं में यह प्रक्रिया नहीं की जाती।

पुरुषों में कुछ अन्य लिंग की समस्या या बीमारी होने पर भी डॉक्टर के द्वारा खतना सर्जरी की जाती है।

हालांकि खतना सर्जरी की कई तकनीकें होती हैं, लेकिन आजकल की लेजर सर्जरी जैसी आधुनिक प्रक्रियाएं सबसे आसान हैं और आमतौर पर डॉक्टर व मरीज दोनों ही इसे प्राथमिकता देते हैं।

इसलिए आइए लेजर खतना सर्जरी की प्रक्रिया और मुख्य लाभों के बारे में जानते हैं:

लेजर खतना की प्रक्रिया

प्रौद्योगिकी में प्रगति होने के साथ-साथ, चिकित्सा विज्ञान समय के साथ काफी विकसित हो चुका है।

अब लोग पारंपरिक खतना प्रक्रियाओं की जगह लेजर खतना सर्जरी करवाना पसंद करते हैं, क्योंकि अन्य प्रक्रियाओं की तरह इसमें मरीज को अत्यधिक दर्द और रक्तस्त्राव देने वाली कैंची या ब्लेड का उपयोग नहीं होता और सबसे सटीक तरीके से फोरस्किन कट जाती है।

लेजर खतना एक बिल्कुल सुरक्षित और कारगर शल्य प्रक्रिया है, जिसमें कोई दर्द या रक्तस्त्राव नहीं होता।

प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग 15 मिनट लगते हैं और इसे अत्यधिक अनुभवी और कुशल मूत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है।

इस सर्जरी में सबसे पहले एक शारीरिक परीक्षण किया जाता है और फिर मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाता है।

सर्जरी के दौरान, लेजर फोरस्किन को काट देती है जिसमें पूरी प्रक्रिया के दौरान या बाद में रोगी को कोई रक्तस्राव या दर्द नहीं होता।

यदि मरीज को लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है, तो उसे सर्जरी के दिन ही छुट्टी दे दी जाती है।

हालांकि, कभी-कभी डॉक्टर मरीज को सर्जरी के बाद 3-4 घंटे तक अस्पताल में भर्ती रहने की सलाह देते हैं, ताकि एनेस्थीसिया का असर पूरी तरह से खत्म हो जाये।

लेजर खतना के फायदे

लेजर खतना एक कम आक्रामक, सटीक, सुरक्षित, जोखिम मुक्त, रक्त रहित और दर्द रहित उपचार प्रक्रिया है।

इसके पूरे फायदे निम्न हैं:

  • 100% सटीक प्रक्रिया
  • पूरा करने में 10-15 मिनट का समय लगता है
  • दर्द रहित खतना
  • रक्त रहित खतना
  • कोई बड़े घाव या निशान नहीं होते
  • कोई दुष्प्रभाव नहीं होते
  • प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करती
  • खतना के बाद अस्पताल में भर्ती रहना आवश्यक नहीं
  • खतना के बाद घर पर भी आराम की आवश्यकता नहीं होती
  • चोट पर दैनिक ड्रेसिंग करने की आवश्यकता नहीं है
  • आप अगले दिन से ही स्नान कर सकते हैं
  • डॉक्टर द्वारा दिए गए मलहम को केवल 4-5 दिनों के लिए ही लगाना होता है
  • 4-5 दिन में ही टाँके घुल जाते हैं
  • 3-4 सप्ताह के बाद सेक्स या हस्तमैथुन कर सकते हैं
  • संभोग के दौरान कोई दर्द नहीं होता
  • संक्रमण होने की संभावना न के बराबर है
  • फिर से फाइमोसिस या टाइट फोरस्किन होने की सम्भावना बिलकुल नहीं होती
  • फोरस्किन की सभी समस्याओं का स्थायी समाधान है
  • 100% सफलता दर

टाइट फोरस्किन के अलावा, निम्न समस्याओं में भी डॉक्टर अक्सर लेजर खतना सर्जरी की सलाह देते हैं:

Scroll to Top