महिलाओं में यौन संचारित रोग (एसटीडी) होने से सम्बंधित जानकारी

यौन संचारित संक्रमण और रोग (एसटीआई और एसटीडी) योनि, गुदा या मौखिक सेक्स के माध्यम से फैलते हैं।

महिलाओं में एसटीडी के आम लक्षण निम्न हैं:

  • योनि में खुजली
  • चकत्ते
  • असामान्य रिसाव
  • दर्द

हालाँकि कई यौन संचारित रोगों के कोई लक्षण नहीं होते हैं।

उपचार न कराने पर, एसटीडी आपमें प्रजनन समस्याओं और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के बढ़ते जोखिम को जन्म दे सकते हैं। इन जोखिमों के कारण ही सुरक्षित सेक्स का अभ्यास करना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में हर साल सिफलिस, क्लैमाइडिया, गोनोरिया और ट्राइकोमोनिएसिस के लगभग 37 करोड़ 60 लाख नए मामले सामने आते हैं।

क्योंकि बहुत सी महिलाओं में एसटीडी के लक्षण नहीं दिखते हैं, इसलिए वह शायद यह जान ही नहीं पातीं कि उन्हें उपचार की आवश्यकता है। अमेरिका के CDC संस्थान के अनुसार हर 6 में से 1 अमेरिकी महिला को जननांग हरपीज होता है, लेकिन अधिकांश इस बात से अनजान होती हैं कि उन्हें यह है।

महिलाओं में होने वाले आम एसटीडी

महिलाओं में कुछ सबसे आम एसटीडी निम्न हैं:

एचपीवी महिलाओं में सबसे आम होने वाला यौन संचारित रोग है। यह गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का मुख्य कारक भी है।

एचपीवी का एक टीका उपलब्ध है, जो 45 वर्ष की आयु तक के व्यक्तियों को एचपीवी के कुछ प्रारूपों से बचाने में मदद कर सकता है।

गोनोरिया और क्लैमाइडिया सामान्य बैक्टीरियल संक्रमण हैं। यहाँ तक कि, क्लैमाइडिया अमेरिकी महिलाओं में सबसे अधिक होने वाला एसटीडी है।

कुछ स्त्रीरोग विशेषज्ञ सामान्य जाँच के दौरान स्वाभाविक रूप से इस दोनों की जांच करते हैं। साथ ही, अगर आपको लगता है कि आपको यह संक्रमण हो सकते हैं, तो डॉक्टर से इनकी जाँच करने के लिए चर्चा करें।

जननांग दाद भी आम है, जो 14 से 49 वर्ष की आयु के 6 में से लगभग 1 व्यक्ति को यह होता है।

एसटीडी के सामान्य लक्षण

महिलाओं को एसटीडी के संभावित लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर वह डॉक्टर से सलाह ले सकें। एसटीडी के कुछ सबसे सामान्य लक्षणों का वर्णन नीचे किया गया है:

पेशाब में बदलाव: पेशाब के दौरान दर्द या जलन होने, बार-बार पेशाब लगने, या पेशाब के साथ रक्त निकलने से आपमें एसटीडी होने की सम्भावना हो सकती है।

योनि से असामान्य रिसाव: एक महिला के योनि स्राव का रूप और स्थिरता, मासिक चक्र के दौरान या यहां तक कि चक्र की अनुपस्थिति में भी लगातार बदलती रहती है। गाढ़ा, सफेद स्राव यीस्ट संक्रमण का संकेत हो सकता है। जब स्त्राव पीला या हरा होता है, तो यह गोनोरिया या ट्राइकोमोनिएसिस का संकेत हो सकता है।

योनि क्षेत्र में खुजली: खुजली एक गैर-विशिष्ट लक्षण है, जो एसटीडी से संबंधित हो भी सकता है और नहीं भी। योनि में खुजली होने के सेक्स संबंधी कारक निम्न हो सकते हैं:

  • लेटेक्स कंडोम से एलर्जी की प्रतिक्रिया के रूप में
  • यीस्ट संक्रमण
  • जघन जूँ या स्कबीज़
  • जननांग दाद
  • ज्यादातर बैक्टीरियल या वायरल एसटीडी के प्रारंभिक चरण

सेक्स के दौरान दर्द: इस लक्षण को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है, लेकिन यह पेट या पेल्विक दर्द पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) का संकेत हो सकता है। पीआईडी के ज्यादातर मामले क्लैमाइडिया या गोनोरिया के उन्नत चरणों के कारण होते हैं।

असामान्य रक्तस्राव: असामान्य रक्तस्राव भी पीआईडी, ​​या एसटीडी के कारण होने वाली अन्य प्रजनन समस्याओं का एक संभावित संकेत हो सकता है।

चकत्ते या दाने: मुंह या योनि के आसपास घाव या छोटे-छोटे दाने दाद, एचपीवी या सिफलिस का संकेत दे सकते हैं।

रोकथाम

प्रत्येक महिला को एसटीडी प्राप्त करने या फैलाने बचने के लिए कुछ रोकथाम कदम उठाने की आवश्यकता होती है।

नियमित रूप से जाँच करवाएं

हर महिला को 3 से 5 साल में कम से कम एक बार अपना पैप टेस्ट करवाना चाहिए। इस टेस्ट में योनि के अंदर मौजूद कोई भी असामान्यता की जाँच की जाती है।

यदि आप यौन रूप से सक्रिय हैं, तो नियमित रूप से अपनी एसटीडी की जाँच करवाना आवश्यक है, खासतौर से तब जब आप एक से अधिक पार्टनर्स के साथ एक्टिव हैं। इसके अलावा आप डॉक्टर की सलाह से HPV का टीका भी लगवा सकती हैं।

सुरक्षा का प्रयोग करें

योनि, गुदा, या मुख मैथुन के दौरान एक कंडोम या अन्य बाधा विधि का उपयोग करने ,से आपको और आपके साथी दोनों की एसटीडी से रक्षा करने में मदद मिल सकती है। महिला कंडोम और डेंटल डैम एक निश्चित स्तर की सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।

शुक्राणुनाशक, गर्भनिरोधक गोलियाँ और जन्म नियंत्रण के अन्य तरीके आपकी गर्भावस्था से रक्षा कर सकते हैं, लेकिन यह एसटीडी से रक्षा नहीं कर सकते।

चर्चा

अपने यौन इतिहास के बारे में अपने डॉक्टर और अपने साथी (साथियों), दोनों के साथ ईमानदारी से चर्चा करना भी आवश्यक है।

एसटीडी और गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान भी एक महिला को एसटीडी हो सकता है। चूँकि कई एसटीडी के लक्षण नहीं होते, इसलिए कुछ महिलाओं को यह एहसास ही नहीं होता है कि उनमें यह है। इसी कारण से, डॉक्टर अक्सर गर्भावस्था की शुरुआत में एक पूर्ण एसटीडी जाँच की सलाह देते हैं।

ये स्थितियां आपके और आपके बच्चे के लिए जानलेवा हो सकती हैं। आप गर्भावस्था या प्रसव के दौरान अपने बच्चे को एसटीडी फैला सकती हैं, इसलिए शीघ्र उपचार करवाना आवश्यक है।

गर्भावस्था के दौरान सभी बैक्टीरियल एसटीडी का एंटीबायोटिक दवाओं के जरिये सुरक्षित रूप से इलाज किया जा सकता है। वायरल एसटीडी का इलाज करना थोड़ा मुश्किल होता है, और कुछ मामलों में तो इलाज उपलब्ध ही नहीं है, लेकिन कुछ एंटीवायरल दवाओं के जरिये आपके बच्चे में इसे फैलने से रोकना संभव है।

एसटीडी और यौन शोषण

कुछ महिलाओं को यौन शोषण या हमले के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में भी एसटीडी विकसित हो सकता है। जब महिला शोषण के तुरंत बाद एक डॉक्टर के पास जाती है, तो डॉक्टर सबसे पहले डीएनए को जाँचने और चोटों का मूल्यांकन करने का प्रयास करता है।

इस प्रक्रिया के दौरान, वह संभावित एसटीडी की पहचान करने के लिए भी जाँच करता है। यदि यौन शोषण के बाद से कुछ समय बीत चुका है, तो भी आपको चिकित्सा देखभाल लेनी चाहिए। आपका डॉक्टर स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के साथ-साथ संभावित रूप से घटना की रिपोर्ट करने पर चर्चा कर सकता है।

महिला के व्यक्तिगत जोखिम कारकों और चिकित्सा इतिहास के आधार पर, डॉक्टर अलग-अलग उपचार की सलाह दे सकता है, जिसमें निम्न शामिल हैं:

  • एंटीबायोटिक्स
  • हेपेटाइटिस का टीका
  • एचपीवी का टीका
  • एचआईवी की एंटीवायरल दवायें

दवाओं का नियम से सेवन करना और नियमित रूप से डॉक्टर से अपने सुधार की जाँच करवाते रहना, किसी भी स्थिति के इलाज के लिए और दवाओं की कारगरता का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

मुझे एसटीडी की पहचान होने पर क्या करना चाहिए?

यहां कुछ चीजें हैं जो आपमें एसटीडी की पहचान होने के बाद आपको करनी चाहिए:

  • आपके डॉक्टर द्वारा बताए गए किसी भी उपचार को तुरंत शुरू करें।
  • अपने सेक्स पार्टनर से संपर्क करें और उसे बताएं कि उसे भी परीक्षण और इलाज की आवश्यकता है।
  • जब तक स्थिति ठीक नहीं हो जाती या आपका डॉक्टर स्वीकृति नहीं दे देता, तब तक सेक्स से परहेज करें। बैक्टीरियल संक्रमण के मामले में, आपको तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक कि दवाएं आपको और आपके साथी को पूरी तरह से ठीक नहीं कर देतीं।
  • वायरल संक्रमणों के मामले में, यदि आवश्यक हो तो लम्बे समय तक एंटीवायरल दवायें लेने के बाद ही सेक्स करें। डॉक्टर आपके लिए सही समय सीमा बता पाएगा। वायरल एसटीडी को जड़ से ख़त्म करना मुश्किल होता है, लेकिन इसको फैलने से रोकने के लिए एंटीवायरल दवायें कारगर होती हैं।
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