लिंग में तनाव न आने के 5 कारण और उपचार

लिंग में तनाव न आने की समस्या तब होती है जब आप लिंग खड़ा करने, लम्बे समय तक खड़ा बनाये रखने, या नियमित स्खलित होने में असमर्थ होते हैं।

इसको अक्सर नामर्दी या इरेक्टाइल डिसफंक्शन के साथ जोड़कर देखा जाता है।

इस समस्या को बढ़ावा देने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें भावनात्मक और शारीरिक विकार दोनों शामिल हैं।

2007 में अमेरिकन जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुए एक शोध में कहा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ लिंग में तनाव न आने की समस्या का खतरा बढ़ जाता है। इसकी सम्भावना उन पुरुषों में और ज्यादा बढ़ जाती है जो एक या दो बार किसी दिल से सम्बंधित बीमारी का निदान कर चुके हैं।

लिंग में तनाव न आने की समस्या का अक्सर आपके यौन जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, और यह डिप्रेशन, अतिरिक्त तनाव और कम आत्मसम्मान का कारण बन सकती है।

लिंग में तनाव न आने के 5 कारण

इसके आम संभावित कारणों को समझने से आपको यह पहचानने में मदद मिल सकती है कि आप इस स्थिति का अनुभव क्यों कर रहे हैं।

1. एंडोक्राइन रोग

शरीर का एंडोक्राइन सिस्टम, हार्मोन का उत्पादन और स्त्राव करता है, जो मेटाबोलिज्म, यौन क्रिया, प्रजनन क्षमता, मनोदशा और बहुत कुछ को नियंत्रित करते हैं।

जब इन हॉर्मोन का स्त्राव अत्यधिक ज्यादा या कम होने लगता है, तो शरीर का हॉर्मोन संतुलन बिगड़ जाता है और एंडोक्राइन रोग हो जाता है।

डायबिटीज एक एंडोक्राइन रोग का उदाहरण है, जिसके कारण आप लिंग में तनाव न आने का अनुभव कर सकते हैं। डायबिटीज के कारण शरीर में इंसुलिन हॉर्मोन कम स्त्रावित होता है या शरीर की इसको उपयोग करने की क्षमता कम हो जाती है।

लम्बे समय तक डायबिटीज होने के सबसे बड़े नुकसानों में से एक है, इसका तंत्रिकाओं (nerves) को नुकसान पहुँचाना। जिसके फलस्वरूप लिंग की उत्तेजना पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

डायबिटीज से जुड़े अन्य नुकसान हैं रक्त संचार और हॉर्मोन स्तर में बिगाड़। ये दोनों कारक भी लिंग में तनाव न आने की समस्या में योगदान कर सकते हैं।

2. तंत्रिका संबंधी विकार

कुछ तंत्रिका सम्बन्धी समस्याएं लिंग में तनाव न आने के जोखिम को बढ़ा देती हैं। यह सम्बन्धी तंत्रिका समस्याएं मस्तिष्क की जननांगों के साथ संवाद की क्षमता को प्रभावित करती हैं। इससे आपके लिंग को पूरा खड़ा करने में रुकावट आ सकती है।

लिंग और मस्तिष्क के संवाद को प्रभावित करने वाले मुख्य न्यूरोलॉजिकल विकार निम्न हैं:

  • अल्जाइमर रोग – जिसमें व्यक्ति के मस्तिष्क के सेल्स और उनके कनेक्शन डैमेज होने लगते हैं।
  • पार्किंसंस रोग – केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का एक विकार जो शरीर के मूवमेंट को प्रभावित करता है, जिसमें अक्सर लिंग की संवेदनशीलता भी शामिल होती है।
  • मस्तिष्क या स्पाइनल में ट्यूमर होना
  • मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) – एक ऐसी बीमारी जिसमें इम्यून सिस्टम नसों के सुरक्षात्मक आवरण को खा जाता है, जिससे उनकी काम करने की क्षमता पर काफी बुरा असर पड़ता है।
  • दिल का दौरा
  • मिर्गी

यदि आपकी प्रोस्टेट सर्जरी हुई है, तो भी तंत्रिकाएँ डैमेज हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप आपके लिंग के तनाव में कमी आ सकती है।

लंबी दूरी की साइकिल या बाइक सवारी करने वाले पुरुषों को भी अस्थाई रूप से लिंग में तनाव न आने का अनुभव हो सकता है। नितंबों और जननांगों पर बार-बार दबाव पड़ने के कारण तंत्रिकाओं के कार्य पर बुरा असर पड़ता है।

3. दवाओं का सेवन

कुछ दवाएं लेने से रक्त प्रवाह प्रभावित हो सकता है, जिससे लिंग के तनाव में कमी आ सकती है।

हालाँकि आपको अपने डॉक्टर की अनुमति के बिना कभी भी दवा को लेना बंद नहीं करना चाहिए, भले ही यह आपके लिंग के ढीलेपन का कारण हों।

लिंग के तनाव में कमी पैदा करने वाली कुछ ज्ञात दवाओं के नाम निम्न हैं:

  • अल्फा-एड्रीनर्जिक ब्लॉकर्स (alpha-adrenergic blockers), जिसमें tamsulosin भी शामिल है
  • बीटा-ब्लॉकर्स, जैसे कार्वेडिलोल (carvedilol) और मेटोपोलोल (metoprolol)
  • कैंसर की कीमोथेरेपी दवाएं, जैसे सिमेटिडाइन (cimetidine)
  • डिप्रेशन और स्ट्रेस की दवाएं, जैसे अल्प्राजोलम (alprazolam), डायजेपाम (diazepam) और कौडीन (codeine)
  • तंत्रिका तंत्र उत्तेजक जैसे कोकीन, हेरोइन आदि
  • मूत्रवर्धक, जैसे फ़्यूरोसेमाइड (furosemide) और स्पिरोनोलैक्टोन (spironolactone)
  • सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (SSRI), जैसे फ्लुओक्सेटीन (fluoxetine) और पैरॉक्सिटिन (paroxetine)
  • सिंथेटिक हार्मोन, जिसमें ल्यूप्रोलाइड (leuprolide) भी शामिल है

4. हृदय संबंधी विकार

हृदय और रक्त को अच्छी तरह से पंप करने की क्षमता को प्रभावित करने वाले विकार, लिंग में तनाव की कमी का कारण बन सकते हैं। लिंग में ब्लड सर्कुलेशन की कमी होने पर आपका लिंग ठीक से खड़ा नहीं हो सकता।

एथेरोस्क्लेरोसिस, एक ऐसा विकार है जिसके कारण रक्त वाहिकाएं ब्लॉक हो जाती हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर भी लिंग के ढीलेपन के बढ़ते जोखिम से जुड़े हैं।

5. जीवनशैली कारक और भावनात्मक विकार

लिंग खड़ा करने के लिए, आपको सबसे पहले उत्तेजित होने की प्रक्रिया से गुजरना होता है। यह प्रक्रिया एक भावनात्मक प्रतिक्रिया हो सकती है। इसलिए यदि आपको कोई भावनात्मक विकार है, तो यह आपकी यौन उत्तेजित होने की क्षमता को प्रभावित करेगा।

डिप्रेशन और चिंता लिंग के तनाव में कमी से सीधे जुड़े होते हैं। डिप्रेशन एक उदासी, लाचारी और आशा की कमी की भावना होता है। डिप्रेशन के कारण उत्तेजना में काफी कमी आती है, जिसके फलस्वरूप लिंग का पूरा खड़ा न होना स्वभाविक है।

परफॉरमेंस की चिंता भी लिंग की कठोरता में कमी का कारण बन सकती है। यदि आप अतीत में इरेक्शन हासिल नहीं कर पाए हैं या अपनी पार्टनर को पूर्ण संतुष्ट नहीं कर पाए हैं, तो आपको डर हो सकता है कि आप भविष्य में भी ऐसा नहीं कर पाएंगे।

ऐसा भी हो सकता है कि आप एक विशेष पार्टनर के साथ इरेक्शन प्राप्त नहीं कर पाते। या फिर, ऐसा हो सकता है कि हस्तमैथुन करते समय तो आपका लिंग पूरा खड़ा और कठोर हो जाता है लेकिन सेक्स के दौरान ढीला रह जाता है। ऐसा तब होता है जब आपको परफॉरमेंस की चिंता होती है।

कोकीन और एम्फ़ैटेमिन ड्रग्स के दुरुपयोग से भी लिंग की कठोरता में कमी हो सकती है।

साथ ही, अत्यधिक शराब का सेवन लिंग को खड़ा करने या खड़ा बनाए रखने की आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

इसलिए, यदि आपको लगता है कि मादक द्रव्यों के सेवन से आपको यह समस्या हो सकती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें और इन्हें छोड़ने के उपाय अपनाएं।

उपचार

लिंग के तनाव में कमी का उपचार उपलब्ध है, जिसमें मेडिकल दवाएं, प्राकृतिक तरीके और जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं।

मेडिकल दवाएं

लिंग के तनाव में कमी के इलाज के लिए विभिन्न प्रकार की मेडिकल दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। इस समस्या के लिए अक्सर डॉक्टर निम्न दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं:

  • एलप्रोस्टेडिल (alprostadil) – यह एक इंजेक्शन होता है जिसे लिंग में इंजेक्ट किया जाता है
  • अवनाफिल (avanafil) – एक PDE5 अवरोधक है जिसे नपुंसकता के इलाज के लिए अनुमोदित किया गया है
  • वियाग्रा (sildenafil)
  • सियालिस (cialis) – जिसे टाडालफ़िल (tadalafil) नाम से भी जाना जाता है
  • वार्डेनफिल (vardenafil) – यह भी एक PDE5 अवरोधक होता है
  • टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (TRT) – जिसमें कुछ दवाओं, इंजेक्शन और जेल के संयोजन के माध्यम से टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाया जाता है

लिंग के रक्त संचार में सुधार के लिए आप वैस्कुलर सर्जरी भी करवा सकते हैं।

प्राकृतिक उपचार

यदि आप मेडिकल दवाओं से बचना चाहते हैं, तो लिंग को कठोर बनाने के प्राकृतिक उपचार भी ज्ञात हैं।

हालाँकि किसी भी प्राकृतिक उपचार का उपयोग करने से पहले, अपने डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।

कोरियन रेड या पैनाक्स जिनसेंग सप्लीमेंट्स, अनार का जूस और योहिम्बे सप्लीमेंट्स खरीदें और नियमित रूप से सेवन करें। साथ ही, हफ्ते में कम से कम एक बार एक्यूपंक्चर का सेशन लें।

पेनिस पंप

यदि आप गैर-इनवेसिव नॉनड्रग उपचार की तलाश कर रहे हैं, तो पेनिस पंप एक अच्छा विकल्प है। यदि आपके लिंग की समस्या ज्यादा बड़ी नहीं है, तो नियमित रूप से पेनिस पंप और लिंग की एक्सरसाइज का उपयोग करके लिंग को कठोर बनाया जा सकता है।

जीवनशैली में बदलाव

चाहे आपके लिंग में कठोरता की कमी का कोई शारीरिक या भावनात्मक कारण हो, ज्यादातर मामलों में अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर इसे ठीक किया जा सकता है।

अमेरिका की मायो क्लिनिक के अनुसार आपको अपनी जीवनशैली में निम्न बदलाव लाने चाहिए –

  • धूम्रपान छोड़ देना
  • कम शराब पीना
  • अपनी पार्टनर के साथ रोमांटिक बातचीत को बढ़ावा देना
  • नियमित एक्सरसाइज करना और स्वस्थ आहार का सेवन करना
  • चिंता और डिप्रेशन को कम करने के उपाय करना

साथ ही, आपको किसी भी संभावित मनोवैज्ञानिक कारण को दूर करने के लिए काउंसलिंग और मेडिटेशन का सहारा लेना चाहिए।

रोकथाम

लिंग में तनाव न आने के कई कारण होते हैं। हालांकि, तब भी इसे रोकने में मदद के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं।

कुछ संभावित रोकथाम के तरीके निम्न हैं:

  • शारीरिक व्यायाम में भाग लेना, जो नपुंसकता के जोखिम को कम करता है
  • धूम्रपान, ड्रग्स, या शराब के दुरुपयोग से बचना
  • पर्याप्त नींद लेना
  • स्वस्थ आहार का सेवन करना
  • तनाव, चिंता और अवसाद को कम करना

निष्कर्ष

सेक्स के दौरान लिंग के तनाव में कमी आपके जीवन को बदल सकती है और आपके आत्मसम्मान को प्रभावित कर सकती है।

हालाँकि यह समस्या आपके यौन जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, लेकिन इसका इलाज संभव है।

कई उपाय मौजूद हैं जो आपकी यौन क्रिया को फिर से हासिल करने में मदद कर सकते हैं, जिनमें प्राकृतिक उपचार, दवाओं का सेवन और जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं।

क्योंकि लिंग के तनाव में कमी किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का संकेत दे सकती है, इसलिए यदि आपको बार-बार यह समस्या होती है तो डॉक्टर से अपना फुल बॉडी चेकअप करवाएं।

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