खुद का वीर्य पीने के फायदे और एहतियात

वीर्य एक “चिपचिपा, मलाईदार, थोड़ा पीला या चिकना” पदार्थ होता है, जो प्लाज्मा नामक तरल पदार्थ और स्पर्म से बना होता है।

दूसरे शब्दों में कहें, तो वीर्य में दो अलग-अलग घटक होते हैं: स्पर्म और प्लाज्मा।

इसमें स्पर्म की मात्रा लगभग 1 से 5 प्रतिशत तक होती है। स्पर्म, सिर और पूँछ वाली प्रजनन कोशिकाएं होती हैं, जिनमें मानव संतान पैदा करने के लिए जरूरी आधा हिस्सा मौजूद होता है।

बाकी के प्लाज्मा द्रव में लगभग 80 प्रतिशत पानी होता है।

क्या पुरुष अपना खुद का वीर्य या स्पर्म पी सकते हैं या नहीं, इसकी पूरी जानकारी हमने नीचे दी है –

  1. सुरक्षा
  2. यौन संचारित संक्रमण
  3. प्रोटीन
  4. अन्य पोषक तत्व
  5. कैलोरी
  6. स्वाद
  7. गंध
  8. मूड बूस्टिंग गुण
  9. तनाव में राहत
  10. महिलाओं के लिए फायदे
  11. नींद आना

क्या खुद का वीर्य पीना सुरक्षित है?

अधिकतर मामलों में हाँ, वीर्य को बनाने वाले घटक निगलना सुरक्षित है।

निगला गया वीर्य, किसी अन्य तरल पदार्थ की तरह ही, पेट में पचकर अवशोषित हो जाता है और ब्लड में मिल जाता है।

हालांकि, बहुत ही दुर्लभ परिस्थितियों में, कुछ लोगों को वीर्य से एलर्जी हो सकती है। इसे मेडिकल भाषा में “ह्यूमन सेमिनल प्लाज्माहाइपरसेंसिटिविटी (एचएसपी)” के नाम से भी जाना जाता है।

हालाँकि यह परिस्थिति काफी दुर्लभ है, लेकिन वीर्य पीने पर यदि आप कुछ एलर्जी महसूस करते हैं, तो आपको इसके बारे में पता होना चाहिए।

वीर्य पीने से कोई यौन संचारित संक्रमण तो नहीं होता?

अगर आपको कोई यौन संचारित संक्रमण (STI’s) न हो, तो अपना खुद का वीर्य पीना पूरी तरह से सुरक्षित होता है।

वहीं दूसरी ओर, यदि आपको कोई यौन संचारित संक्रमण है, तो अपना स्वयं का वीर्य पीना असुरक्षित है। इस मामले में, जोखिम इस बात पर निर्भर करता है कि आपको कौन सा संक्रमण है, यह कहाँ से ट्रांसफर हुआ है और कहाँ पर संक्रमण है।

गोनोरिया (gonorrhea) और क्लैमाइडिया (chlamydia) STI के संक्रमित वीर्य को पीने से मुँह और गले में संक्रमण होने की संभावना होती है।

कुछ STI’s जैसे ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी, वायरस जो जननांग में मस्से पैदा कर सकता है), हरपीज (herpes) और उपदंश (Syphilis) स्किन से स्किन या मुंह से जननांग टच करने से फ़ैल सकते हैं। यदि आपको इनमें से कोई STI है तो यह आपके लिंग से होंठ, मुँह और गले में फ़ैल सकती हैं।

खुद का वीर्य पीने से सिस्टेमिक इन्फेक्शन (जैसे HIV) होने का खतरा नहीं होता। क्योंकि यह इन्फेक्शन ब्लड में होते हैं और यदि आपको पहले से ही HIV है, तो आप अपना वीर्य पी भी लें तो क्या फर्क पड़ेगा।

इसलिए यदि आपको कोई यौन संचारित संक्रमण (STI) नहीं है, तो आप अपना खुद का वीर्य पीने के लिए आजाद हैं।

क्या यह प्रोटीन से भरपूर होता है, जैसा कि हर कोई कहता है?

अक्सर वीर्य को एक प्रोटीन से भरपूर स्त्रोत माना जाता है, लेकिन यह मात्रा काफी कम होती है और आपको कोई भी दिखाई देने योग्य स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए 5 से 10 लीटर वीर्य का सेवन करना पड़ेगा, जो कि नामुमकिन है।

साथ ही, हर व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर, उसके वीर्य की मात्रा और इसमें मौजूद प्रोटीन का प्रतिशत अलग-अलग होता है। आमतौर पर यह वीर्य की कुल मात्रा का 8 प्रतिशत होता है।

इसलिए, वीर्य को एक प्रोटीन प्रदान करने वाला खाद्य नहीं माना जा सकता।

वीर्य में और क्या-क्या होता है?

ऊपर बताये गए स्पर्म, प्रोटीन और पानी के होने के साथ-साथ, वीर्य में कई अन्य घटक भी होते हैं, जो निम्न हैं –

  • शुगर
  • सोडियम
  • साइट्रेट
  • जिंक
  • कैल्शियम
  • लैक्टिक एसिड
  • मैग्नीशियम
  • पोटैशियम
  • यूरिया

क्या वीर्य में कैलोरी भी होती हैं?

हाँ होती हैं, लेकिन उतनी नहीं जितना आप सोच रहे हैं। आम धारणा के विपरीत, वीर्य अत्यधिक कैलोरी युक्त नहीं होता।

वीर्य की एक चम्मच मात्रा – जो एक बार के स्खलन की औसत मात्रा होती है – इसमें लगभग 5 से 7 कैलोरी होती हैं, जो कि एक आलू चिप्स के टुकड़े से भी कम होती हैं।

वीर्य का स्वाद कैसा होता है?

वीर्य के स्वाद का कोई एक विशेष विवरण मौजूद नहीं है, क्योंकि हर एक व्यक्ति के वीर्य का स्वाद अलग-अलग हो सकता है।

कुछ के लिए, यह कड़वा और नमकीन स्वाद का हो सकता है, जबकि दूसरों के लिए, यह मीठा भी हो सकता है।

हालाँकि, यह साबित करने वाला कोई सीधा लिंक नहीं है, कि किसी व्यक्ति का आहार सीधे उनके वीर्य के स्वाद को प्रभावित करता है, लेकिन इसके कुछ महत्वपूर्ण सबूत जरूर मौजूद हैं –

ऐसे कुछ खाद्य पदार्थ हैं, जो वीर्य के स्वाद को अधिक स्वादिष्ट या कम अम्लीय बना सकते हैं, जैसे कि:

  • अजवाइन
  • अजमोद
  • अनाज की घास
  • दालचीनी
  • जायफल
  • अनानास
  • पपीता
  • संतरा

वहीं दूसरी ओर, कई लोगों का मानना है कि वीर्य की अत्यधिक कड़वाहट का कारण कुछ खाद्य पदार्थ या दवाओं का सेवन हो सकता है, जैसे:

  • लहसुन
  • प्याज
  • ब्रोकोली
  • पत्ता गोभी
  • पत्तेदार साग
  • शतावरी
  • माँस
  • दुग्ध पदार्थ
  • शराब
  • सिगरेट
  • कॉफ़ी

वीर्य की गंध कैसी होती है?

स्वाद के समान ही, वीर्य की गंध भी, व्यक्ति के आहार, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसी परिस्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकती है।

कई स्थितियों में, वीर्य में ब्लीच या अन्य घरेलू क्लीनर की तरह गंध आती है।

वीर्य को अपने pH लेवल को ठीक रखने और अवयवों के समीकरण को बनाये रखने के लिए इस तरह की गंध पैदा करनी होती है। और यह स्वस्थ वीर्य का एक संकेत होता है।

योनि के विपरीत, जो स्वाभाविक रूप से अधिक अम्लीय होती है, वीर्य का pH थोड़ा क्षारीय होता है।

इसका pH 7.26 से 8.40 के बीच रहता है।

स्वाद की तरह ही वीर्य की अत्यधिक गंध को भी आहार से जोड़कर देखा जाता है। उसी तरह से जैसे शतावरी मूत्र की गंध को प्रभावित करती है।

अत्यधिक गाड़ा और लाल मूत्र होने पर भी वीर्य की गंध कड़वी हो सकती है। हालाँकि, ज्यादातर मामलों में खूब पानी पीकर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

क्या यह वास्तव में मूड को बूस्ट करता है?

संभावित रूप से हाँ! कुछ शोध हुए हैं, जिनसे पता चलता है कि वीर्य में प्राकृतिक अवसादरोधी (या डिप्रेशन को कम करने वाले) गुण हो सकते हैं।

इसका कारण वीर्य में पाए जाने वाले निम्न पदार्थ हो सकते हैं:

  • एंडोर्फिन (endorphins)
  • एस्ट्रोन (estrone)
  • प्रोलैक्टिन (prolactin)
  • ऑक्सीटोसिन (oxytocin)
  • थायरोट्रोपिन-विमोचन हार्मोन (thyrotropin-releasing hormone)
  • सेरोटोनिन (serotonin)

2002 में अमेरिका की स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किये गए एक शोध में 293 कॉलेज की लड़कियों का सर्वेक्षण किया गया, ताकि यह पता चल सके कि वीर्य पीने से उनके समग्र मूड पर कैसा असर पड़ता है।

सर्वेक्षण के अनुसार, जो लड़कियाँ आमतौर पर वीर्य पीती थीं, उनमें काफी बेहतर मूड और अवसाद के कम लक्षण दिखाई दिए।

हालांकि, यह अध्ययन काफी छोटा था। और किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले अभी और शोधों की आवश्यकता है।

क्या वीर्य वास्तव में तनाव से राहत देता है?

वीर्य में मौजूद ऑक्सीटोसिन और प्रोजेस्टेरोन नामक प्राकृतिक मूड बूस्टिंग हॉर्मोन होने के कारण, कुछ लोग यह भी मानते हैं कि यह तनाव से राहत देने में मदद कर सकता है।

ऐसा भी पाया गया है, कि वीर्य में पाया जाने वाला विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सिडेंट, ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़कर स्पर्म हानि को कम करने में मदद कर सकते हैं।

मतलब खुद का वीर्य पीने से आपके स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिल सकती है।

हालाँकि यह सब खोजें अभी सिर्फ सैद्धांतिक स्तर पर हैं, और इन्हें साबित करने के लिए अभी और शोध होना बाकि है।

महिलाओं को वीर्य पीने के क्या फायदे हैं?

ऊपर जो-जो फायदे पुरुषों को खुद का वीर्य पीने के होते हैं, उसी प्रकार महिलाओं को भी अपने पार्टनर का वीर्य पीने के समान लाभ होते हैं।

इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को वीर्य पीने के अतिरिक्त लाभ मिल सकते हैं।

2003 में हुई एक केस स्टडी के अनुसार जो महिलायें गर्भावस्था से पहले और उसके दौरान नियमित रूप से वीर्य पीती हैं, उनमें प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia) नामक समस्या होने की सम्भावना कम होती है।

प्रीक्लेम्पसिया एक दुर्लभ समस्या है, जिसमें गर्भावस्था के दौरान और डिलीवरी के बाद महिलाओं का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और मूत्र में प्रोटीन आने लगता है।

क्यों कुछ लोग वीर्य पीने के बाद थका हुआ महसूस करते हैं?

वीर्य में मेलाटोनिन होता है, जो आपके शरीर के नींद चक्र को नियंत्रित करने वाला प्राकृतिक हॉर्मोन होता है।

यही कारण है कि कुछ लोगों को खुद का वीर्य पीने के बाद थकावट और नींद का अनुभव होता है।

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