गर्भावस्था के दौरान एचपीवी के जोखिम क्या हैं?

ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) एक प्रकार का यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) होता है। एचपीवी के ज्यादातर प्रकार मौखिक, योनि या गुदा सेक्स के माध्यम से फैलते हैं।

एचपीवी बहुत आम संक्रमण है। यहाँ तक की, CDC संस्थान के अनुसार, यह संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे आम होने वाला एसटीआई है।

लगभग 80 प्रतिशत लोगों को अपने जीवन में कभी न कभी एचपीवी के किसी न किसी प्रकार का संक्रमण होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एचपीवी वायरस की 150 से अधिक विभिन्न किस्में (या प्रकार) हैं।

आमतौर पर एचपीवी के अधिकतर प्रारूप किसी भी समस्या का कारण नहीं बनते हैं और उपचार के बिना अपनेआप ठीक हो जाते हैं। कई लोगों को तो इसके होने और ठीक हो जाने का पता ही नहीं चलता।

एचपीवी के लगभग 40 प्रारूप जननांगों में संक्रमण पैदा करते हैं। इनके कारण व्यक्ति को शरीर के निम्न भागों में जननांग मस्से या कैंसर हो सकता है:

  • गर्भाशय ग्रीवा
  • योनि
  • योनिद्वार
  • लिंग
  • गुदा

एचपीवी के कारण गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए, कैंसर पैदा करने वाले एचपीवी प्रारूपों से बचाने वाला टीका भी उपलब्ध है। हालाँकि, गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर इस टीके को लगवाने की सलाह नहीं देते।

आमतौर पर एचपीवी के कारण गर्भावस्था में कोई समस्या पैदा नहीं होती। हालांकि, यदि आप गर्भवती हैं और आपको एचपीवी है तो आपको इसके कारण होने वाली कुछ दुर्लभ जटिलताओं के बारे में पता होना चाहिए।

एचपीवी के लक्षण क्या हैं?

एचपीवी होने पर, आपमें शायद बिलकुल भी लक्षण न हों। यदि लक्षण होते हैं, तो इसका सबसे आम लक्षण है मस्से होना।

मस्से स्किन पर मांस के रंग के उभार होते हैं, जो अक्सर फूलगोभी की तरह दिखने वाले गुच्छों में बनते हैं।

आपमें मौजूद एचपीवी का प्रकार यह निर्धारित करेगा कि आपके शरीर पर मस्से कहाँ होंगें:

  • जननांग मस्से महिलाओं में योनि, योनिद्वार, गर्भाशय ग्रीवा या गुदा पर और पुरुषों में लिंग, अंडकोश या गुदा पर बनते हैं।
  • आम मस्से हाथों या कोहनी पर बनते हैं।
  • तल के मस्से पैरों की गेंदों या एड़ी पर दिखाई देते हैं।
  • फ्लैट मस्से आमतौर पर बच्चों और पुरुषों में चेहरे पर और महिलाओं में पैरों पर होते हैं।

आमतौर पर मस्सों में कुछ भी महसूस नहीं होता, लेकिन कभी-कभी इनमें खुजली और जलन हो सकती है।

गर्भावस्था एचपीवी लक्षणों को कैसे प्रभावित कर सकती है?

गर्भावस्था के दौरान, हार्मोन का स्तर बदलने से मस्से सामान्य से अधिक तेजी से बढ़ सकते हैं। एक गर्भवती महिला का शरीर भी योनि स्राव की अधिक मात्रा का उत्पादन करता है, जिससे मस्सों को पनपने के लिए एक गर्म, नम स्थान मिल जाता है।

कुछ प्रकार के एचपीवी होने से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।

इस तरह का कैंसर अक्सर तब तक लक्षण पैदा नहीं करता, जब तक कि यह फैलना शुरू नहीं हो जाता।

एक बार जब कैंसर फैल जाता है, तो यह निम्न लक्षण पैदा कर सकता है:

  • योनि से असामान्य रक्तस्राव होना, जो आपके मासिक धर्म के कारण नहीं है
  • असामान्य योनि स्राव, जिसमें रक्त भी हो सकता है
  • सेक्स के दौरान दर्द

गर्भावस्था के दौरान एचपीवी की पहचान कैसे की जाती है?

अधिकांश स्त्री-रोग विशेषज्ञ आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान एचपीवी की जाँच नहीं करते, जब तक कि उनके पास इसका कोई कारण न हो।

डॉक्टर एचपीवी की जाँच तब करता है जब आपमें कोई मस्से होते हैं या आप एसटीडी की फुल जाँच के लिए पैप टेस्ट करवा रही होती हैं।

पैप टेस्ट के दौरान, डॉक्टर आपके गर्भाशय ग्रीवा से कुछ कोशिकाओं का नमूना निकालता है। फिर इस नमूने को लैब टेस्ट के लिए भेज दिया जाता है, जहाँ इसमें पूर्व कैंसर कोशिकाओं की मौजूदगी की जाँच की जाती है।

पूर्व कैंसर कोशिकाओं की मौजूदगी यह संकेत दे सकती है कि आपमें एचपीवी है।

यदि आपकी उम्र 30 वर्ष से अधिक है, तो डॉक्टर पैप टेस्ट के साथ-साथ एचपीवी डीएनए टेस्ट की भी सलाह दे सकता है।

डीएनए टेस्ट यह पता लगा सकता है कि क्या आपमें ऐसे प्रकार का एचपीवी है, जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का कारण बन सकता है।

गर्भावस्था के दौरान एचपीवी का इलाज कैसे किया जाता है?

वर्तमान में, एचपीवी का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन अधिकांश महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान एचपीवी के उपचार की आवश्यकता नहीं होती।

एचपीवी वायरस के इलाज के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है। लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के लिए कई उपचार विकल्प उपलब्ध हैं।

अक्सर एचपीवी से आपके बच्चे को कोई खतरा नहीं होता। मस्सों का इलाज करने की भी आवश्यकता नहीं है, जब तक कि वे विशेष रूप से बड़े न हों या आपमें परेशानी का कारण न बन रहे हों। यदि ऐसा है, तो डॉक्टर इन्हें निम्न तरीकों से सुरक्षित रूप से हटा सकता है:

  • उन्हें तरल नाइट्रोजन के साथ फ्रीज करना (क्रायोथेरेपी)
  • लेजर थेरेपी
  • एक गर्म सुई का उपयोग करना (इलेक्ट्रोकॉटेराइजेशन)
  • सर्जरी

क्या एचपीवी मस्सों से मेरी डिलीवरी प्रभावित होगी?

आमतौर पर जननांग मस्से होने से आपकी डिलीवरी पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।

कभी-कभी, बड़े मस्सों के कारण प्रसव के दौरान रक्तस्राव हो सकता है।

काफी दुर्लभ मामलों में, गर्भावस्था के दौरान जननांग मस्से इतने बड़े हो सकते हैं कि वह जन्म देने वाली नलिका को अवरुद्ध कर सकें या बच्चे के जन्म को और अधिक कठिन बना सकें। यदि ऐसा होता है, तो डॉक्टर आपको सिजेरियन डिलीवरी कराने की सलाह देगा।

प्रसव के बाद एचपीवी का इलाज कैसे किया जाता है?

यदि एक पैप टेस्ट से पता चलता है कि आपके गर्भाशय ग्रीवा में पूर्व कैंसर कोशिकाएं हैं, तो डॉक्टर आपको डिलीवरी के बाद तक प्रतीक्षा करने की सलाह दे सकता है।

एक बार जब आपके बच्चे का जन्म हो जाता है, तो आपका शायद एक और पैप टेस्ट किया जाये।

अक्सर एचपीवी इलाज के बिना ही ठीक हो जाता है। लेकिन यदि प्रसव के बाद भी आपमें असामान्य कोशिकाएं होती हैं, तो डॉक्टर निम्न प्रक्रियाओं में से किसी एक के जरिये असामान्य कोशिकाओं को हटाकर आपका इलाज कर सकता है:

  • क्रायोसर्जरी, जिसमें असामान्य कोशिकाओं को जमाकर मारने के लिए अत्यधिक ठंड का उपयोग किया जाता है।
  • कोन बायोप्सी, या शंकुकरण, जिसमें ऊतक को शंकु के आकार में काटा जाता है।
  • लूप इलेक्ट्रोसर्जिकल एक्ज़िशन प्रक्रिया (एलईईपी), जिसमें विद्युत से गर्म किये लूप के जरिये आपके असामान्य ऊतकों को निकाला जाता है।

क्या प्रसव के दौरान एचपीवी बच्चे में फैल सकता है?

आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान एचपीवी होने से आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। आप गर्भावस्था या प्रसव के दौरान अपने अजन्मे बच्चे में एचपीवी फैला सकती हैं, लेकिन इसकी संभावना काफी कम होती है।

मां से बच्चे में एचपीवी फैलने की दर पर शोधों के परिणाम काफी अलग-अलग हैं।

2016 में कनाडा में हुए एक शोध में, शोधकर्ताओं ने पाया कि एचपीवी पॉजिटिव महिलाओं से पैदा हुए लगभग 11 प्रतिशत नवजात शिशुओं में भी एचपीवी वायरस था।

हालांकि, इस शोध का विस्तार से अध्ययन करने की जरूरत है। क्योंकि ज्यादातर बच्चे जो गर्भ में एचपीवी विकसित करते हैं, उनमें बिना किसी दीर्घकालिक समस्या के अपने आप ही वायरस ठीक हो जाता है।

काफी दुर्लभ मामलों में, जननांग मस्से माँ से बच्चे में फैलते हैं। यह मस्से नवजात शिशु के गले या वोकल कॉर्ड पर विकसित हो सकते हैं। जब मस्से यहां विकसित होते हैं, तो इस संक्रमण को आवर्तक श्वसन पैपिलोमाटोसिस कहा जाता है। इन मस्सों को बढ़ने से रोकने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है।

क्या स्तनपान से भी माँ से बच्चे को एचपीवी हो सकता है?

आपमें एचपीवी होने पर भी आपको अपने बच्चे को स्तनपान कराने से नहीं रुकना चाहिए। हालांकि मां के दूध में भी एचपीवी वायरस हो सकता है और यहाँ से बच्चे में फैल सकता है, लेकिन इस तरह का संचरण बहुत दुर्लभ मामलों में होता है।

एचपीवी का टीका और गर्भावस्था

एचपीवी से बचने के दो सबसे अच्छे तरीके होते हैं: सुरक्षित यौन संबंध बनाना और टीका लगवाना।

कोई भी महिला या पुरुष जिनकी उम्र 11 से 45 वर्ष के बीच है, वह गार्डासिल 9 (Gardasil 9) नामक एचपीवी का टीका लगवा सकते हैं।

व्यक्ति की उम्र के आधार पर टीके दो या तीन डोज लगते हैं:

  • दो डोज: अधिकांश लोगों को 15 वर्ष की आयु से पहले टीके के दो डोज लगवाने की सलाह दी जाती है। दोनों डोज के बीच का अंतराल 6 से 12 महीने के बीच होना चाहिए।
  • तीन डोज: 15 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति या वह जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है, उन्हे टीके के तीन डोज लगवाने चाहिए।

पूरी तरह से सुरक्षित होने के लिए आपको टीकाकरण के सभी डोज प्राप्त करने की आवश्यकता है।

यदि आपने गर्भवती होने से पहले टीका नहीं लगवाया है, या आपने टीके का केवल एक डोज लगवाया है, तो आपको टीके का अगला डोज प्राप्त करने के लिए अपने प्रसव तक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता होगी।

टीके के दिशानिर्देश अनुसार गर्भवती महिलाओं को इसे नहीं लगवाना चाहिए।

गर्भवती महिलायें एचपीवी का टीका क्यों नहीं लगवा सकतीं?

अमेरिका के CDC संस्थान के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान एचपीवी टीके का नकारात्मक प्रभाव नहीं पाया गया है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण के शोध डाटा काफी सीमित है। इसलिए, गर्भावस्था पूर्ण होने तक टीकाकरण न करवाने की सलाह दी जाती है।

नियमित रूप से अपना पैप टेस्ट करवाते रहें। यदि आपको पता चलता है कि आपको एचपीवी है, तो आप गर्भावस्था के दौरान किसी विशेष निगरानी के बारे में अपने डॉक्टर से बात कर सकती हैं।

याद रखें कि लगभग सभी यौन सक्रिय वयस्कों को उनके जीवन में कभी न कभी एचपीवी होता है। लेकिन अधिकतर में यह बिना कोई लक्षण दिखाए, अपनेआप ठीक हो जाता है।

नियमित सुरक्षित यौन संबंध बनाने और जाँच कराने से एसटीआई को रोकने में काफी मदद मिलती है।

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