गहरे रंग की पेशाब आने के कारण, रोकथाम और उपचार

गहरे रंग की पेशाब आमतौर पर ईंट जैसी लाल, भूरी या गहरी पीली होती है।

पेशाब का उत्पादन गुर्दों (किडनी) में होता है। जब आप किसी तरल पदार्थ या भोजन का सेवन करते हैं, तो इसका पानी आपके पाचन तंत्र से अवशोषित होकर खून में मिल जाता है। किडनी खून के इस अतिरिक्त पानी और अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करती है और मूत्रवाहिनी के जरिये बाहर निकाल देती है।

मूत्रवाहिनी नलिकाएं होती हैं जो गुर्दे को मूत्राशय से जोड़ती हैं। मूत्राशय मूत्रमार्ग के माध्यम से पेशाब को खाली करता है।

आदर्श रूप से, आपकी पेशाब का रंग हल्के पीले रंग का होना चाहिए। यह इंगित करेगा कि आप हाइड्रेटेड हैं, यानि आपके शरीर में पानी की मात्रा भरपूर है।

पेशाब में स्वाभाविक रूप से कुछ पीले रंग के पिगमेंट होते हैं, जिन्हें यूरोबिलिन या यूरोक्रोम कहा जाता है। पेशाब का रंग जितना गहरा होता है, इन पिगमेंट की सांद्रता उतनी ही ज्यादा होती है।

आमतौर पेशाब का रंग गहरा होने कारण डिहाइड्रेशन या शरीर में पानी की कमी होना होता है।

हालांकि, यह इस बात का संकेत भी हो सकता है कि आपके शरीर में अतिरिक्त, असामान्य या संभावित खतरनाक अपशिष्ट उत्पाद घूम रहे हैं।

उदाहरण के लिए, गहरे भूरे रंग की पेशाब में पित्तरस (bile) होने की सम्भावना हो सकती है, जो लिवर की समस्या होने का संकेत है।

खूनी, या लाल रंग की पेशाब, गुर्दे में चोट या अन्य संभावित समस्याओं का संकेत है।

इसलिए, यदि आपमें यह लक्षण हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।

पेशाब को गहरा बनाने वाली संभावित शारीरिक समस्याएं

निम्न कुछ आम समस्याएं हैं जो पेशाब के रंग को गहरा बना सकती हैं:

  • हेपेटाइटिस (लिवर में सूजन)
  • रबडोमायोलिसिस (क्षतिग्रस्त हड्डी की मांसपेशी का टूटना)
  • सिरोसिस (लिवर में गंभीर घाव बनना)
  • ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (किडनी की सूजन)
  • डिहाइड्रेशन
  • पित्तरस के उत्पादन या संचरण में बाधा आना
  • पित्ताशय की पथरी
  • मूत्राशय की पथरी
  • मूत्राशय का कैंसर
  • पीलिया
  • गुर्दों का कैंसर
  • अग्नाशय का कैंसर
  • मलेरिया
  • थैलेसीमिया (एक जेनेटिक बीमारी जिसमें शरीर लाल रक्त कोशिकाओं का जरूरत से ज्यादा विनाश करता है, जिससे व्यक्ति को एनीमिया हो जाता है)
  • पोर्फाईरिया (एक जेनेटिक बीमारी जिसमें रक्त की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम हो जाती है)
  • रक्त को पतला करने वाली दवाओं के दुष्प्रभाव

अत्यधिक एक्सरसाइज या शारीरिक गतिविधि करने से भी पेशाब का रंग गहरे रंग का हो सकता है। अधिक एक्सरसाइज करने से मांसपेशियों में चोट लग सकती है, जिससे आपका शरीर अधिक मात्रा में अपशिष्ट उत्पादों को छोड़ता है। इसके परिणामस्वरूप पेशाब का रंग गुलाबी या कोला जैसा हो सकता है।

कभी-कभी डिहाइड्रेशन या अन्य कारणों से हुए गहरे रंग की पेशाब के बीच अंतर बताना मुश्किल होता है। डिहाइड्रेशन के कारण हुई गहरी पेशाब आमतौर पर गहरी पीली या शहद के रंग की होती है।

अन्य कारणों से मूत्र का रंग गहरे भूरे या लाल रंग का हो सकता है। कुछ लोगों की पेशाब तो लगभग सिरप जैसी दिखती है। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति को लिवर या किडनी की बीमारी हो।

यदि आपको डिहाइड्रेशन है, तो आपमें गहरी रंग की पेशाब के अलावा अतिरिक्त लक्षण भी हो सकते हैं। जैसे:

  • चक्कर आना या सिर चकराना
  • मुँह सूखना
  • स्किन ड्राई होना या शुष्क पड़ना
  • सिरदर्द
  • प्यास लगना
  • कब्ज होना

यदि आप अतिरिक्त पानी पीते हैं और इससे आपकी पेशाब का रंग हल्का हो जाता है, तो निश्चित रूप से आपकी पेशाब गहरे रंग की होने का कारण डिहाइड्रेशन होगा।

पेशाब के रंग को प्रभावित करने वाले बाहरी कारक

कभी-कभी गहरे रंग की पेशाब का शरीर में पानी की कमी या समग्र स्वास्थ्य से कोई लेना-देना नहीं होता।

इसके बजाय, यह आपके द्वारा खाये जाने वाले पदार्थों या ली जाने वाली दवाओं के कारण हो सकता है।

इसलिए यदि आपकी पेशाब का रंग काला है, तो सोचें कि आपने क्या-क्या खाया है। यदि आपने चुकंदर, जामुन, रेवनचीनी या बाकला खाये हैं, तो ये सभी आपकी पेशाब को गहरा कर सकते हैं।

कुछ दवाएं भी गहरे रंग की पेशाब का कारण बन सकती हैं। आमतौर पर डॉक्टर आपको दवा से होने वाले संभावित दुष्प्रभावों के बारे में पहले ही बता देता है। ऐसा करने वाली कुछ दवाएं निम्न हैं:

  • कब्ज की दवाएं जिनमें सेन्ना (senna) नामक यौगिक हो
  • कीमोथेरेपी की दवाएं
  • रिफाम्पिन (rifampin) – टीवी और कुष्ट रोग जैसे बैक्टीरियल इन्फेक्शन में दी जाने वाली एक दवा
  • वार्फरिन (warfarin) – रक्त कोशिकाओं में धक्के जमने पर दी जाने वाली एक दवा
  • फोनाज़ोपिराइडिन (phenazopyridine) – मूत्रमार्ग में जलन, दर्द और इन्फेक्शन होने पर दी जाने वाली दवा

डॉक्टर से कब मिलें

यदि आप अपनी पेशाब में रक्त देखते हैं या गहरे रंग की पेशाब पानी पीने के बाद भी हल्की नहीं होती है, तो आपको डॉक्टर से सहायता लेनी चाहिए।

यदि आपकी पेशाब का रंग गहरा होने के साथ-साथ, आपको तेज दर्द का अनुभव हो रहा है, खासतौर से निचली कमर में, तो गुर्दे की पथरी या मूत्रमार्ग का संक्रमण हो सकता है।

यदि आपकी पेशाब में दर्द होता है और कोई अन्य लक्षण गंभीर होते चले जाते हैं या मतली, उल्टी और तेज बुखार के साथ होते हैं, तो तत्काल डॉक्टर से मिलें।

पहचान और उपचार

यदि आपकी पेशाब के गहरे रंग का कारण डिहाइड्रेशन या किसी दवा का दुष्प्रभाव नहीं है, तो आपको अपने डॉक्टर द्वारा एक व्यापक मूल्यांकन करवाने की आवश्यकता होगी।

डॉक्टर आपके पूर्ण मेडिकल इतिहास के बारे में पूछेगा, आपका शारीरिक परिक्षण करेगा और आपके मूत्र का लैब टेस्ट करवाने की सलाह देगा।

लैब टेस्ट में मूत्र में कई चीजों की उपस्थिति की जाँच की जाएगी, जो आपमें किसी अंतर्निहित चिकित्सा समस्या की उपस्थिति का संकेत दे सकती हैं। आमतौर पर मूत्र के लैब टेस्ट में निम्न चीजों की उपस्थिति की जाँच की जाती है:

  • बैक्टीरिया
  • बिलीरुबिन
  • क्रिस्टल
  • ग्लूकोज
  • प्रोटीन
  • लाल रक्त कोशिकाएं
  • सफेद रक्त कोशिकाएं

मूत्र का लैब टेस्ट तीन तरीकों के आधार पर रिपोर्ट प्रदान करेगा:

  1. विज़ुअल टेस्ट में यह देखा जायेगा कि मूत्र साफ है या बादलों जैसा, यह गाड़ा है या पतला और इसका रंग कैसा है।
  2. केमिकल टेस्ट में मूत्र में बिलीरुबिन, रक्त, कीटोन, प्रोटीन और ग्लूकोज की जाँच की जाएगी।
  3. एक माइक्रोस्कोपिक टेस्ट के जरिये मूत्र में बैक्टीरिया की मौजूदगी की जाँच की जाएगी।

आदर्श रूप से, लैब टेस्ट के लिए मूत्र का नमूना आपके द्वारा सुबह उत्पन्न होने वाले पहले मूत्र से दिया जाना चाहिए। क्योंकि यह आपके द्वारा दिन में उत्पन्न होने वाले अन्य मूत्र की तुलना में अधिक केंद्रित होता है, और इसमें असामान्यताएं मिलने की सम्भावना सबसे अधिक होती है।

यदि आपका यूरिन टेस्ट असामान्य परिणाम दिखाता है, तो डॉक्टर इसके परिणाम के आधार पर कुछ अन्य टेस्ट करवाने की सलाह दे सकता है। इन टेस्टों में ब्लड टेस्ट या यूरिन कल्चर टेस्ट शामिल हो सकता है। यूरिन कल्चर टेस्ट के द्वारा मूत्र में मौजूद बैक्टीरिया के प्रकार का पता लगाया जाता है।

इसके अलावा, एक कम्पलीट ब्लड काउंट (सीबीसी) या कम्प्रेहैन्सिव मेटाबोलिक पैनल, डॉक्टर को यह पहचानने में मदद कर सकता है कि क्या आपके गुर्दे या लिवर में कोई समस्या है।

डॉक्टर आपके मेडिकल इतिहास, लक्षणों, लैब टेस्ट और शारीरिक परिक्षण के आधार पर आपके लिए बेहतर उपचार का निर्धारण करेगा।

रोकथाम

यदि आपकी पेशाब का गहरा रंग, आपके द्वारा ली जाने वाली दवाओं के कारण है, तो आपको बिना डॉक्टर की सलाह के अपनी दवाओं का सेवन बंद नहीं करना चाहिए।

आप पेशाब को गहरा बनाने वाले खाद्य पदार्थों से भी परहेज कर सकते हैं।

यदि आपकी पेशाब का गहरा रंग कम पानी पीने की वजह से हुआ है, तो आपको ज्यादा पानी पीना शुरू कर देना चाहिए। आदर्श रूप से आपको दिन में कुल कम से कम 1 लीटर मूत्र त्याग करना चाहिए और चार से छह बार पेशाब करनी चाहिए।

हर रोज जागने के बाद एक गिलास पानी पियें। दिनभर में अपनेआप को हाइड्रेटेड रखने के लिए हमेशा अपने पास एक पानी की बोतल रखें और नियमित रूप से पानी पीते रहें।

यदि कम पानी पीने से, कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से या दवाओं के सेवन से आपकी पेशाब का रंग गहरा नहीं हुआ है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि पेशाब में खून आता है, तब भी आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता है।

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